साउथर्न गुजरात चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स की स्थापना १९४० में स्वर्गीय श्री दीवान बहादुर भूपतराय शास्त्री ने १६ मेम्बेर्स के साथ मिल के की थी | आज साउथर्न गुजरात चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित व् प्रभावशाली चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स है | श्री दीवान का मानना था की साउथ गुजरात में व्यवसायी और व्यापार करने वालो के लिए एक ऐसे मजबूत संगठन का निर्माण किया जाय, जिससे साउथ गुजरात के व्यापार को राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहोचाया जा सके| क्योकि उस समय भारत में ब्रिटिश शाशन था| दुनिया दुसरे विश्व युद्ध के जंग से जूझ रही थी | दुनिया में आर्थिक संकट बढ़ रहा था | वही भारत में स्वतंत्रा के लिए सभी लोग हर तरह से कोशिस कर रहे थे|
जहा एक तरफ स्वतंत्रता के लिए राजनेता अपना सब कुछ निवछावर कर रहे थे, वही देश के भारतीय उद्धोगपति ने अपने घरो के खजाने खोल रखे थे, सबका एक ही लक्ष्य भारत की आजादी था| अंग्रेज नहीं चाहते थे की भारत के व्यवसायी अधिक संपन्न हो क्योकि उन्हें डर था, की वे स्वतंत्रता सेनानियो की मदत आर्थिक रूप से करते है | इसलिए उन्होंने के एक षड़यंत्र रचा और हर जगह के हिसाब से नए – नए दमन कारी नियम लागु करने लगे, ऐसे में भारतीय व्यसायी को व्यापार करने के में बहोत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था |
जब गाँधी जी का ध्यान इन मुद्दों पे पड़ा तो, उन्होंने बिरला परिवार के लोगो को भारतीय चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स की स्थापना का सुझाव दिया| उस समय बिरला परिवार देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से एक थी | जिसका प्रभाव भारत के लोगो पे पड़ा लोग जगह – जगह अपने हिसाब से व्यापारिक संगठन बनाने लगे और खुले तौर में दमनकारी कानूनों का विरोध करने लगे|
यह वही समय था जब श्री दीवान जी को भी लगा की साउथ गुजरात के व्यापर व् व्यापारियो को संगठित किया जाय और यह उस समय की सबसे बड़ी मांग थी| क्योकि यदि ऐसा नहीं करते तो, भारत के व्यापार व् वयापरियो को बहोत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता|
श्री दीवान जी ने इस बात का भी ध्यान रखा था की चैम्बर ज्यादा पारदर्शी बनी रहे| इसलिए हर साल चैम्बर के सदस्य के लोग मिल के प्रेसिडेंट का चुनाव करते थे | श्री दीवान लगभग ३ साल लगातार प्रेसिडेंट के पद पे रहकर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया| चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स में समय की मांग के अनुसार कई क्षेत्रो में आगे बढ़ने का निर्णय लिया |
आज एसजीसीजीआई साउथ गुजरात की सबसे बड़ी आवाज बन गया है | साउथ गुजरात के व्यापारी एसजीसीजीआई के साथ जुड़ के गर्व का अनुभव करते है | आज एसजीसीजीआई नित नए – नए इवेंट, सेमिनार, एक्सपो व् अन्य कई तरह के इनिशिएटिव प्रोग्राम कर रहा है | जिसके माध्यम से एसजीसीजीआई में जुड़े मेम्बर को अपने बिज़नेस को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने का मौका मिल रहा है | चै एसजीसीजीआई नए टेक्नोलॉजी, इनोवेशन के माध्यम से लोगो में जाग्रति फैला रहा और व्यापार बढ़ाने में सहयोग कर रहा है |
किसी भी संगठन का विकास तभी हो सकता है जब संगठन का उद्देश्य समाज सेवा भावी हो, यदि संगठन सिर्फ फायदे के उद्देश्य के चलाया जाय तो वो संगठन नहीं व्यापार हो गया| एसजीसीजीआई हमेशा अपने सिधांतो पे खरा उतरा है | लोगो का एसजीसीजीआई के प्रति नजरिया पिछले ८३ वर्ष से सकारात्मक व् प्रेरणादायक रहा है| यह एक प्रभावशाली संगठन की पहचान है| अब एसजीसीजीआई साउथ गुजरात के व्यापार को ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाने व् दुनिया में कही भी व्यापार करने के लिए प्रेरित कर रहा है |
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