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एक आना से लेकर 2000 रुपए के नोट तक, जानिए पैसों का रोमांचक इतिहास

पैसा, हां पैसा..पैसा ये पैसा....आजकल सभी का यही हाल है आज के दौर में आपकी की कीमत तभी तक है जब तक आपके जेब पैसे से भरी है, जब तक जेब में पैसा है लोग पूछते है भाई कैसा है। जहां पैसा खत्म रिश्ते भी खत्म। खैर हम पैसे को लेकर पूरी जानकारी रखते है।

By misha antilPublished about a year ago 3 min read
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2000 rupee note

पैसा, हां पैसा..पैसा ये पैसा....आजकल सभी का यही हाल है आज के दौर में आपकी की कीमत तभी तक है जब तक आपके जेब पैसे से भरी है, जब तक जेब में पैसा है लोग पूछते है भाई कैसा है। जहां पैसा खत्म रिश्ते भी खत्म। खैर हम पैसे को लेकर पूरी जानकारी रखते है। लेकिन फिर भी कुछ चीजें है जिनके बारे भी हमें कोई ज्ञान नहीं। लेकिन आपके ज्ञान को बढ़ाने के लिए हम एक बार फिर हाजिर है। करेंसी, नोट और सिक्के किसी देश की इकोनॉमी की बुनियाद होते हैं। हर देश के पास इससे जुड़ी अपनी विरासत और एक अलग इतिहास होता है। ऐसे में करेंसी से जुड़ा फैसला लेना किसी देश की सरकार के लिए सबसे मुश्किल फैसला होता है। आजादी के बाद से लेकर नोटबंदी तक इंडियन करेंसी के कई रूप हम सभी ने देखे हैं। इंडियन करेंसी से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प फीचर भी हैं जिन्हें बेहद कम लोग जानते हैं। हम अपनी खबर में इंडियन रुपए की ऐसी ही कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।

हर भारतीय नोट पर इंसानों, जानवरों, प्रकृति से लेकर आजादी के आंदोल से जुड़ी तस्वीरें छपी होती है। 20 रुपए के नोट पर अंडमान आइलैंड की तस्वीर है। वहीं, 10 रुपए के नोट पर हाथी, गैंडा और शेर छपा हुआ है, जबकि 100 रुपए के नोट पर पहाड़ और बादल की तस्वीर है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट पर आजादी के आंदोलन से जुड़ी 11 मूर्ति की तस्वीर छपी है।

अगर आपके पास फटा और 51 फीसदी से ज्यादा फटा नोट है, तो आप उसको बैंक में जाकर बदल सकते है। आरबीआई की गाइडलाइन्स के अनुसार, किसी भी प्रकार का फटा, पुराना और गंदा नोट किसी भी बैंक की शाखा में जाकर बदला जा सकता है। गाइडलाइन्स के अनुसार, अगर आपका नोट आधे से भी ज्यादा फटा है तो भी आप बैंक में जाकर नया ले सकते है।

अब भले ही एक डॉलर की कीमत 72 रूपए पहुंच गई है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब रुपए की कीमत डॉलर से ज्यादा थी। 1917 में एक रुपए की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर थी।

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा भारतीय नोट में 15 भाषाओं का इस्तेमाल होता है। कोई भी नोट जैसे 10, 20, 50 पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू में उसकी कीमत लिखी होती है। हिंदी और अंग्रेजी का इस्तेमाल नोट के अगले हिस्से में होता है। बाकी भाषाएं नोट के पिछले हिस्से पर लिखी होती हैं।

हर सिक्के पर एक निशान छपा होता है जिसको देखकर आपको पता चल जाएगा कि यह किस मिंट का है। सिक्के में छपी तारीख के नीचे एक टूटा डायमंड नजर आ रहा है। ये चिह्न हैदराबाद मिंट का चिह्न है। हैदराबाद मिंट की शुरुआत में स्टार मार्क का इस्तेमाल किया गया। बाद में इसे बदलकर डायमंड शेप में लाया गया और उनमें से कुछ सिक्के में टूटा डायमंड भी शामिल है। नोएडा मिंट के सिक्कों पर जहां छपाई का वर्ष अंकित किया गया है उसके ठीक नीचे छोटा और ठोस डॉट होता है। इसे सबसे पहले 50 पैसे के सिक्के पर बनाया गया था। 1986 में इन सिक्कों पर ये मार्क अंकित किया जाना शुरू हुआ था। इसके अलावा मुंबई और कोलकाता में मिंट है।

आजकल 2000 से ऊपर के नोट मार्किट में आसानी से नहीं मिलते लेकिन 1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा था। रिजर्व बैंक ने जनवरी 1938 में पहली पेपर करंसी छापी थी, जो 5 रुपए नोट की थी। इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1,000 रुपए और 10,000 रुपए के नोट भी छापे गए थे। हालांकि, 1946 में 1,000 और 10 हजार के नोट बंद कर दिए गए थे। लेकिन 1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे गए। साथ ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई। लेकिन, 1978 में 10,000 और 5,000 के नोट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

एक रुपए का नोट वित्त मंत्रालय जारी करता है। बाकी सभी नोट जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पास है। इस नोट पर आरबीआई गवर्नर की जगह फाइनेंस सेक्रेटरी का सिग्नेचर होता है।

20 शताब्दी के शुरुआत में रुपया अदन, ओमान, कुवैत, बहरीन, कतर, केन्या, युगांडा, सेशल्स और मॉरीशस की भी करंसी थी। हालांकि, अभी भी सात ऐसे देश है जहां रुपया उनकी करंसी है। इंडोनेशिया, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका में रुपया ही चलता है। हालांकि नकली नोट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नेपाल ने भारतीय 500 और 1000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध लगा रखा है। इतना ही नहीं अगर इन नोट के साथ नेपाल में कोई पकड़ा जाता है तो उसे दंडित करने का भी प्रावधान है। इसे लेकर भारत और नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर एक नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें ये चेतावनी दी गई है।

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